Staan Pratyay By Avinash Ranjan Gupta
प्रत्यय
क्या होता है?
व्याकरण
में वह अक्षर या अक्षर समूह या अविकारी (Unchangeable) शब्द या या अविकारी शब्दांश जो शब्दों के बाद लगाया जाता
है उसे प्रत्यय कहते हैं।
सत्य+ता=
सत्यता, बुरा+आई=बुराई
प्रत्यय
शब्द का अर्थ
प्रत्यय
शब्द प्रति+अय के मेल से बना है। ‘प्रति’ का अर्थ साथ में पर बाद में और ‘अय’ का अर्थ चलनेवाला। अतएव,
प्रत्यय शब्द का अर्थ साथ पर बाद में चलनेवाला या लगनेवाला।
प्रत्यय
से लाभ
प्रत्ययों
के प्रयोग से शब्द रचना होती है जिससे शब्द भंडार में वृद्धि होती है साथ ही साथ
अनेक प्रकार के भावों की अभिव्यक्ति में हमें आसानी होती है।
प्रत्यय
से शब्द ज्ञान
प्रत्ययों
के प्रयोग का ज्ञान होने से हमें शब्दों को समझने में आसानी होती है और अगर हमें
कोई शब्द न समझ में आ रहा हो तो प्रयुक्त प्रत्ययों का विखंडन करके शब्द के अर्थ
का पता लगाया जा सकता है, जैसे- अमृतसरिया। अब इस
अमृतसर शब्द में इया प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इया एक स्थानवाचक प्रत्यय है।
स्तान
प्रत्यय
‘स्तान’ फारसी प्रत्यय है। ये
स्थान का ही बिगड़ा हुआ रूप है। यह एक स्थान वाचक अविकारी शब्द है जो कुछ जातियों
और पदार्थों आदि नामों के अंत में लगकर उनके रहने या होने के स्थान का अर्थ देता
है और इसमें लघुता का नियम है।
विशेष
द्रष्टव्य - ‘स्तान’ प्रत्यय से बने शब्दों में स्तान से पहले दीर्घ ‘ई’ या ‘ऊ’ का प्रयोग वर्जित है।
‘स्तान’ प्रत्यय से जुड़े विशेष
नियम
हिन्दू
/ हिंदू
हिन्दू+स्तान
= हिन्दूस्तान
हिंदुस्तान
पाक
पाक+ई
= पाकी
पाकी+स्तान
– पाकीस्तान
पाकिस्तान
हिंदुस्तान, पाकिस्तान, कज़ाकिस्तान, ब्लूचिस्तान, अफ़गानिस्तान, कब्रिस्तान, रेगिस्तान, इंग्लिस्तान, यंगिस्तान,
गुलिस्तान, चमनिस्तान
विशेष
द्रष्टव्य
स्तान
प्रत्यय के प्रयोग से विदेशज (Foreign Words) शब्द ही बनते हैं।
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