तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन By Avinash Ranjan Gupta
तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन
तीसरे विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन भारत की राजधानी दिल्ली में 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 1983 तक किया गया। इसमें
मॉरीशस के श्री हरीश बुधू भाग लिया था।सम्मेलन में विदेशों से आये 260 प्रतिनिधि
भी शामिल थे।हिंदी की सुप्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा समापन
समारोह की मुख्य अतिथि थीं।इस अवसर पर उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा था -
"भारत के सरकारी कार्यालयों में हिंदी के कामकाज की स्थिति उस रथ जैसी है जिसमें घोड़े आगे की बजाय पीछे जोत दिए गए हों।"
सम्मेलन में पारित किये गए प्रस्ताव
थे-
1. अंतर्राष्ट्रीय
भाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार की संभावनाओं का पता लगा कर इसके लिए गहन
प्रयास किए जाएं।
2. हिंदी
के विश्वव्यापी स्वरूप को विकसित करने के लिए विश्व हिंदी विद्यापीठ स्थापित
करने की योजना को मूर्त रूप दिया जाए।
3.
अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के विकास
और उन्नयन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश-विदेश के लगभग 25सदस्यीय एक स्थायी समिति का गठन किया जाए।
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