Rajsthan Ki Rajat Boonden – Anupam Mishra राजस्थान की रजत बूँदें — अनुपम मिश्र शब्दार्थ
1. चेलवांजी–कुएँ की खुदाई करने वाले
2. उखरुँ – घुटने मोड़कर
बैठना
3. संकरा– Narrow
4. बसौली–लकड़ी के हत्थे वाला लोहे का एक औज़ार
5. फिकाना– फेंकना
6. मलबा– मिट्टी
7. चेजारो– कुँए का काम करने वाला
8. चिनाई– ईंट – चूने से पक्का करना
9. नेति – नेति– ये भी नहीं वो भी नहीं
10. पेचीदा– मुश्किल
11. अथाह– जिसकी गहराई का अंदाज़ा न लगाया जा
सके
12. अन्यत्र– दूसरी जगह
13. संचित– इकठ्ठा किया हुआ
14. मंथन– विचार – विमर्श
15. भसकना– भरभरा कर गिर जाना
16. खींप– एक तरह की घास जिससे रस्सी बनाई जाती
है
17. कुंडली– गोलाकार वस्तु
18. डगाल–तना
19. उम्दा– श्रेष्ठ
20. चग– एक तरह की वनस्पति
21. भेंट– उपहार
22. आच
प्रथा– राजस्थानी
प्रथा
23. नेग– उपहार
24. पार– कुआँ
25. चमड़ा– मशक
26. गोधूलि–संध्या
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