संबंधबोधक अव्यय (Preposition)
संबंधबोधक (Preposition)
संबंधबोधक अव्यय की
परिभाषा
जो अव्यय शब्द संज्ञा या सर्वनाम के बाद प्रयुक्त होकर
वाक्य में दूसरे शब्दों से उसका संबंध बताते हैं, उन्हें ही ‘संबंधबोधक’ या ‘परसर्गीय शब्द’ कहते हैं, जैसे –
रमा रसोईघर के भीतर बैठी है।
शीत के कारण गरीबों का बुरा हाल है।
क्या वह
आपके यहाँ आया था?
यहाँ हम पाते हैं कि इन वाक्यों में ‘के
भीतर’, ‘के कारण’ तथा ‘के यहाँ’ शब्द संबंधबोधक अव्यय हैं,
जिनसे वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संबंध स्थापित होता है। इन्हें परसर्गीय शब्द
भी कहा जाता है।
संबंधबोधक अव्यय का
अन्य रूप
दीया तले अँधेरा। दीया के तले अँधेरा।
पीठ पीछे बुराई। पीठ
के पीछे बुराई।
भरी सभा बीच। भरी सभा के बीच।
धन बिना जीना। धन के बिना जीना।
छुट्टी हेतु पत्र। छुट्टी के लिए पत्र।
रूढ़/मूल संबंधबोधक
अव्यय
रूढ़ या मूल संबंध सूचकों में मुख्य रूप से का/की के, रा,रे,री आदि का प्रयोग होता
है।
यौगिक संबंधबोधक अव्यय
बिना, पहले, मात्र, अपेक्षा,सामने,
आगे, पास, परे, द्वारा, बिना, ऊपर, नीचे, भीतर, अंदर, ओर, मध्य, बीच में, बाद, निकट. कारण, साथ, समेत, विरुद्ध, पश्चात्,
सरीखा, तक, सदृश,
प्रतिकूल, मात्र, अपेक्षा,
मार्फत आदि
संबंधबोधक अव्यय के
स्रोत
उर्दू/फ़ारसी के संबंधबोधक अव्यय
अलावा, रूबरू, नजदीक, सबब, बदौलत, बाद, तरह, खिलाफ, खातिर, बाबत, जरिए, बदले, सिवा आदि।
संस्कृत के संबंधबोधक अव्यय
अतिरिक्त, समक्ष, सम्मुख, निकट, समीप, कारण, उपरांत, अपेक्षा, भांति, विपरीत, निमित्त, हेतु, द्वारा, विषय, बिना आदि।
संबंधबोधक और क्रियाविशेषण में अंतर
संबंधबोधक शब्द को संबंध दर्शाना आवश्यक होता है। जब यह संबंध
न जोड़कर साधारण रूप में प्रयोग होता है तो यह क्रियाविशेषण का कार्य करता है। इस
प्रकार एक ही शब्द क्रियाविशेषण भी हो सकता है और संबंधबोधक भी,
जैसे-
सुधीर यहाँ रहता है। ( क्रियाविशेषण )
सुधीर रवि के यहाँ रहता है। ( संबंधबोधक अव्यय )
यह काम पहले कर लेना चाहिए। ( क्रियाविशेषण )
यह काम जाने से पहले कर लेना चाहिए। ( संबंधबोधक
अव्यय )
अर्थ के अनुसार
संबंधबोधक अव्यय के कुल दस भेद हैं :
1. कालबोधक अव्यय,
2. स्थानबोधक अव्यय,
3. दिशाबोधक अव्यय,
4. साधनबोधक अव्यय,
5. विषयबोधक अव्यय,
6. सादृश्यबोधक अव्यय,
7. राहित्यबोधक अव्यय,
8. विरोधबोधक अव्यय,
9. साहचर्यबोधक अव्यय
10. तुलनाबोधक अव्यय
1. कालबोधक
अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से काल का बोध हो, वे ’कालबोधक अव्यय’ कहलाते हैं,
जैसे -
ट्रेन समय से पहले आ गई।
उसके जाने के लगभग एक घंटे बाद जाऊँगा।
रमेश के बाद सुरेश दिल्ली जाएगा।
कालबोधक अव्यय शब्द
लगभग, आगे, पीछे, पूर्व, अनन्तर, पश्चात्, उपरांत, पहले, बाद
2. स्थानबोधक
अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से स्थान का बोध हो, वे ‘स्थानबोधक अव्यय’ कहलाते हैं,
जैसे-
स्कूल के पास ही राजू का घर है।
तालाब के किनारे ही बगीचा है।
पेड़ के नीचे जानवर खड़े हैं।
स्थानबोधक अव्यय शब्द
के पास, के किनारे, से दूर, आगे, पीछे, ऊपर, नीचे, तले, सामने, निकट, समीप, नजदीक, यहाँ, बीच, बाहर, परे, भीतर, रूबरू
3. दिशाबोधक
अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से दिशा का बोध हो, उसे
‘दिशाबोधक अव्यय’ कहते हैं,
जैसे-
आग की ओर मत जाना।
घर के आस-पास ही रहना।
गंगा की ओर यात्री चल पड़े।
दिशाबोधक अव्यय शब्द
ओर, तरफ, पार, आरपार, आसपास, ओर
4. साधनबोधक
अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से साधन का बोध हो, उन्हें
‘साधनबोधक अव्यय’ कहते हैं,
जैसे-
आपके आने की सूचना श्याम के द्वारा मिली।
तुम्हारे सहारे ही वह आगे बढ़ पाया है।
उसके जरिए यह काम होगा।
साधनबोधक अव्यय शब्द
जरिए, द्वारा, हाथ, मार्फत, जबानी, सहारे
5. विषय/उद्देश्यबोधक
अव्यय
जिन अव्यय
शब्दों से विषय की जानकारी प्राप्त हो, वे ‘विषयबोधक अव्यय’ कहलाते हैं,
जैसे-के
बारे, की बाबत आदि।
गांधी जी के
बारे में बहुत कहा गया है।
मोहन की
बाबत बात करने आया हूँ।
यह पत्र
छुट्टी हेतु लिखा गया है।
विषयबोधक अव्यय शब्द
बाबत, हेतु, लिए, निमित्त, नाम, नामक, भरोसे, जान, लेखे, मद्धे
6. सादृश्यबोधक अव्यय
जिन अव्यय
शब्दों से सादृश्यता का बोध हो वे 'सादृश्यबोधक अव्यय' कहलाते हैं,
जैसे- गांधी
जी के समान सत्यवादी बनो।
पिता की तरह
पुत्र भी शिक्षक बना।
सीता.
सावित्री की भाँति जीवन जियो।
सादृश्यबोधक अव्यय शब्द
सम, समान, तरह, भाँति, नाई, बराबर, तुल्य, योग्य,लायक, सदृश, सरीखा, सा, ऐसा, वसा, अनुसार, अनुकूल, अनुरूप, मुताबिक
आदि।
7. व्यतिरेक/राहित्यबोधक
अव्यय
जिन अव्यय
शब्दों से किसे के महत्त्व का बोध प्रकट हो, वे ‘व्यतिरेक/राहित्यबोधक
अव्यय’ कहलाते हैं,
जैसे -
मोहन के
सिवा मेरा कौन है।
सिद्धार्थ
के बिना मैं नहीं जाऊँगा।
चिकनाई रहित
तेल खाना चाहिए।
व्यतिरेक/राहित्यबोधक
अव्यय शब्द
सिवा, अलावा, बिना, बगैर, अतिरिक्त, रहित
8. विरोधबोधक अव्यय
जिन अव्यय
शब्दों से विरोध व्यक्त होता है, वे ‘विरोधबोधक अव्यय’ कहलाते हैं,
जैसे-
उसके
विरुद्ध मत बोलो।
मेरे खिलाफ़
कोई चुनाव नहीं लड़ेगा।
सेठ के विपरीत
माया ने घायलों की मदद की।
विरोधबोधक अव्यय शब्द
विरुद्ध, विपरीत, उल्टा, खिलाफ
9. साहचर्यबोधक अव्यय
जिन अव्यय
शब्दों से संग या साथ का भाव व्यक्त होता है, वे ‘साहचर्यबोधक अव्यय’ कहलाते हैं,
जैसे-
रमा के संग सुनीता
भी कटक जाएगी।
बाइक के साथ
हेलमेट मुफ़्त है।
तीन आरोपी समेत
4 लाख भी जब्त किए गए।
साहचर्यबोधक अव्यय शब्द
संग, साथ, समेत, सहित, स्वाधीन, अधीन, पूर्वक, वश
10. तुलनाबोधक अव्यय
जिन अव्यय
शब्दों से तुलना के भाव का बोध हो, वे ‘तुलनाबोधक अव्यय’
कहलाते हैं,
जैसे-
मोहन के मुकाबले
रमेश समझदार है।
चीन की अपेक्षा
भारत अधिक महान है।
दारा सिंह के
सामने कोई टिक न सका था।
तुलनाबोधक अव्यय शब्द
अपेक्षा आगे, सामने, बनिस्बत, मुकाबले
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