क्रियाविशेषण Adverb
क्रियाविशेषण Adverb
क्रियाविशेषण की परिभाषा
क्रिया की विशेषता प्रकट करने वाले
को ही क्रियाविशेषण कहते हैं, जैसे –
बिजली एकाएक चली गई।
राजू बहुत बोलता है।
राजू धीरे-धीरे लिखता है।
सुनीता अभी-अभी गई है।
अव्यय (Indeclinable Words ) -क्रियाविशेषण
क्रियाविशेषण अव्यय के चार भेदों
(संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक) में से एक
है। अव्यय (अ+व्यय) का शाब्दिक अर्थ है
व्यय या खर्च न होने वाला। अतः, अव्यय वे शब्द होते हैं
जिनमें लिंग, वचन पुरुष, काल आदि के
कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है। इसलिए इसे अविकारी शब्द भी कहते हैं।
अव्यय (Indeclinable Words ) -क्रियाविशेषण
मैं आज विद्यालय गया था।
हम आज विद्यालय गए थे।
वह आज विद्यालय जाएगा।
तुम दोनों आज विद्यालय गए थे।
रश्मि आज विद्यालय नहीं जाएगी।
क्रियाविशेषण के भेद
(1)
कालवाचक क्रियाविशेषण (Adverb of Time)
(2) स्थानवाचक
क्रियाविशेषण (Adverb of Place)
(3) रीतिवाचक
क्रियाविशेषण (Adverb of Manner)
(4) परिमाणवाचक
क्रियाविशेषण (Adverb of Quantity)
(1) कालवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण से क्रिया की समय
संबंधी विशेषता का बोध होता है, जैसे –
रागिनी सोनम के पश्चात् जाएगी।
रवि अभी गया है।
सुधीर लगातार बोलता जा रहा है।
आजकल सेब सस्ते हो गए हैं।
कालवाचक क्रियाविशेषण शब्द
आज, कल, अब, जब, अभी, कभी, सायं, प्रातः, परसों, कब, तब, जब, पश्चात्, सदैव, दिनभर, आजकल, नित्य, लगातार, निरंतर, सदा, प्रतिदिन, रोज, हर बार, बहुधा, प्रतिवर्ष आदि।
(2) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण से क्रिया के
स्थान या दिशा संबंधी विशेषता का बोध होता है, जैसे –
ये पागल जहाँ-तहाँ घूम रहा है।
भिखारी बाहर बैठा है।
आप किधर जा रहे हैं?
वह ऊपर गया है।
स्थानवाचक क्रियाविशेषण शब्द
यहाँ, वहाँ, कहाँ, आगे, पीछे, मध्य, नीचे, ऊपर, तहाँ, जहाँ, अंदर, बाहर, आर-पार, चारों ओर, पास, निकट, इधर, उधर, ऊपर, नीचे, दाहिने, बाएँ, की तरफ, की ओर, सामने, आमने-सामने, किधर आदि।
(3) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण से क्रिया की रीति
या ढंग संबंधी विशेषता का बोध होता है, जैसे –
सुनीता ध्यानपूर्वक पढ़ती है।
सारा सामान हाथोंहाथ बिक गया।
राकेश भलीभाँति बाँसुरी बजाता है।
हम आपकी सहायता यथासंभव करेंगे।
रीतिवाचक क्रियाविशेषण शब्द
अवश्य, बेशक, सचमुच, वस्तुतः, कदाचित्, बहुधा, प्रायः, अकसर, शायद, क्योंकि, अतएव, सहसा, अचानक, एकाएक, अकस्मात्, हाँ, सच, बिल्कुल, ठीक, न, मत, नहीं, बिल्कुल, गटागट, धड़ाधड़, खुलमखुल्ला, ही, तो, भर, तक आदि।
(4) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषण से क्रिया की मात्रा
और परिणाम संबंधी विशेषता का बोध होता है, जैसे –
तुम कम बोलो
पंजाब के लोग गेहूँ अधिक खाते हैं।
राहुल ने थोड़े-से पकौड़े लिए।
अनिल खूब मेहनत करता है।
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण शब्द
अति, अत्यंत, कई, एक, कम, थोड़ा-सा, अधिक, कुछ, तनिक, बस, इतना, उतना, कितना, किंचित, सर्वथा, लगभग, निपट, पर्याप्त, खूब आदि।
विशेष द्रष्टव्य
विशेषण और क्रियाविशेषण में अंतर
मेघना सुंदर बालिका है।
मेघना सुंदर लिखती है।
सुनील कम संतरे लाया है।
सुनील कम बोलता है।
मोहिनी का स्वर मधुर है।
मोहिनी मधुर गाती है।
मूल क्रियाविशेषण
ऊपर, आज, कल, तब, जहाँ, जब, नीचे, अब, नित्य, कम, तनिक आदि।
यौगिक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रियाविशेषणों की रचना समास
विधि द्वारा की जाती है, जैसे- प्रतिदिन,
रातभर, दिन-रात, ध्यानपूर्वक, कभी-कभी, सुबह-शाम, यथाशक्ति, यथासंभव, आजीवन
प्रयोग के अनुसार क्रियाविशेषण
1. साधारण क्रियाविशेषण : यह
क्रियाविशेषण किसी उपवाक्य से संबंध नहीं रखता है, जैसे-
रणधीर, जल्दी आ जाना।
2. संयोजक क्रियाविशेषण : इसका
उपवाक्य से संबंध रहता है, जैसे-
जब परिश्रम ही नहीं तो विद्या कहाँ
से?
3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण : इस
क्रियाविशेषण का प्रयोग निश्चय (अवधारण) के लिए होता है। जैसे
मैंने खाया तक नहीं था।
एकाधिक क्रियाविशेषण का प्रयोग
आज, बरसों बाद, सुबह-सवेरे
ही, हमारे घर में, बच्चे की किलकारी चारों ओर
फैल गई।
वह भिखारी नित्यप्रति, इधर-उधर, घूमकर
जैसे-तैसे, ठीक दिन के दस बजे हमारे चौखट
पर आ खड़ा होता है।
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