रिश्ते की परिभाषा Rishte Ki Paribhasha By Avinash Ranjan Gupta


रिश्ते की परिभाषा
रिश्ता एकतरफ़ा नहीं निभाया जा सकता वरना लोग सोचने लगते हैं –
ü ये ज़रूर मुझसे कुछ लाभ चाहता है।
ü आखिर ये इतना कर क्यों रहा है?
ü इसकी कोई वैल्यू नहीं।
ü खाली बैठा रहता है।
ü वगैरह! वगैरह! वगैरह!
ऐसे लोग कुछ हैं जिसे Antique मान लेने में कुछ बुराई नहीं, पर उन्हें ये याद रखना चाहिए-
  
दोनों तरफ़ से निभाया जाए, वही रिश्ता कामयाब होता है साहिब।
एक तरफ़ से सेंकने पर तो रोटी भी नहीं बनती है।

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