Kshama Se Kshamata क्षमा से क्षमता By Avinash Ranjan Gupta


क्षमा से क्षमता  
अधिकतर लोग आज के युग में अपनी गलती को स्वीकार करने में अपनी बेइज्जती समझते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने जो कृत्य कर दिया है उसे किसी भी कीमत पर सही साबित करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देते हैं। इतनी मशक्कत करने पर उन्हें क्या-क्या मिलता है, पहला सामने वाले व्यक्ति से मन-मुटाव, बेकार की नोंक-झोंक, उग्र स्वर के प्रयोग से रक्तचाप में वृद्धि तथा गलत का साथ देने का गलत काम। इसके विपरीत जब आपको लगता है कि आपसे सच में  भूल हो गई है तो, “मुझे क्षमा कीजिएगा। या I am sorry” का एक वाक्य इन सब समस्याओं को आने ही नहीं देता है। क्षमा माँगना वास्तव में आपकी क्षमता का प्रदर्शन करता है। आपने अपने अहं (Ego) से विजय प्राप्त की है, आपने सही का साथ दिया है, आपने अपने में सुधार किया है और आपने अपने में इंसानियत को बरकरार रखा है। सच तो यह है कि आत्मा हमेशा से जानती है कि सही क्या है असली चुनौती तो मन को समझाने में आती है।          

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