RAVEENDRANAATH THAKUR - AATMTRAN रवींद्रनाथ ठाकुर — आत्मत्राण CLASS X HINDI B 1 MARK QUESTIONS ANSWERS


1 Mark Questions
1.    कोई सहायक मिलने की स्थिति में कवि क्या चाहता है?
2.    कवि विपदा से बचाने की प्रार्थना क्यों नहीं करता?
3.    कवि ने ईश्वर को क्या कहकर संबोधित किया है?
4.    अनामयका क्या अर्थ है?
5.    दुःख की स्थिति आने पर कवि ईश्वर से क्या प्रार्थना करता है?
6.    कवि सुख के दिनों में क्या चाहता है?
7.    आत्मत्राणकविता मूल रूप से किस भाषा में लिखी गई है?
8.    आत्मत्राणकविता का हिंदी अनुवाद किसने किया है?   
9.    कवि ने ईश्वर को क्या कहकर संबोधित किया है?


1 Mark Answers
1.    कोई सहायक मिलने की स्थिति में कवि यह चाहता है कि उसका आत्मबल कम हो।
2.    कवि विपदा से बचाने की प्रार्थना स्वाभिमान के कारण नहीं करता। 
3.    कवि ने ईश्वर कोकरुणामयकहकर संबोधित किया है।
4.    अनामयका अर्थरोगमुक्तहै।
5.    दुख की स्थिति आने पर कवि ईश्वर से यह प्रार्थना करता है कि वह ऐसे समय में ईश्वर की सत्ता पर संदेह करे।
6.    कवि सुख के दिनों में ईश्वर के सम्मुख नत सिर होकर उसका स्मरण करना चाहता है।
7.    आत्मत्राणकविता मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखी गई है।
8.    आत्मत्राणकविता का हिंदी अनुवाद श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने किया है।
9.    कवि ने ईश्वर कोकरुणामयकहकर संबोधित किया है।

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