PARSH CLASS – X CHAPTER -17 HABEEB TANVEER - KAARTOOS हबीब तनवीर — कारतूस 2 MARKS QUESTIONS ANSWERS
2 Marks Questions
1.
कर्नल ने सवार पर नजर रखने के लिए क्यों कहा?
2.
कर्नल वजीर अली को जाँबाज़ सिपाही क्यों कहता है?
3.
सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?
4.
सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का बक्का क्यों रह गया?
5.
सआदत अली को अवध के तख़्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
6.
कंपनी के वकील का क़त्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की?
7.
कर्नल को जंगल की ज़िंदगी खतरनाक क्यों लगती है?
8.
‘रॉबिनहुड’ कौन था? उसकी तुलना वजीर अली से क्यों की गई है?
9.
सआदत अली ने वजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
2 Marks Answers
1.
कर्नल
ने सवार
पर नजर
रखने के
लिए इसलिए
कहा क्योंकि
सवार के
आने की
दिशा में
इतनी धूल
उड़ रही
थी कि
मानो पूरा
की पूरा
काफिला आ रहा हो
जबकि केवल
एक सवार
ही आता
दिखाई दे
रहा था।
इसीलिए कर्नल
ने सवार
पर नजर
रखने के
लिए कहा।
2. कर्नल वजीर अली को पकड़ने के लिए पूरी सेना के साथ जंगल में डेरा डाले बैठा था। जबकि वजीर अली अकेला उसके खेमे में आकर उससे ही कारतूस हासिल कर और उसकी जान बख्श कर चला गया। यह काम कोई जाँबाज़ ही कर सकता है इसलिए कर्नल वजीर अली को जाँबाज सिपाही कहता है।
3.
सवार
कर्नल के
खेमे में
पहुंचा और
वजीर अली
के बारे
में बात
करने लगा।
वजीर अली
को पकड़ने
के नाम
पर उसने
कर्नल से
कारतूसों की
माँग की।
कर्नल ने
उसे वजीर
अली को
गिरफ्तार करने
के लिए
दस कारतूस
दे दिए।
तब सवार
ने अपना
परिचय दिया
कि वही
वजीर अली
है।
4.
सवार
के जाने के बाद कर्नल हक्का बक्का इसलिए रह गया क्योंकि सवार कोई और नहीं वजीर अली
ही था। वह न केवल कर्नल से दस कारतूस ले गया था वरन् कर्नल की जान भी बक्श गया था।
5.
सआदत
अली अंग्रेजों
का दोस्त
था और
बहुत विलासी
व्यक्ति था।
कर्नल द्वारा
अवध के
तख़्त पर
बिठाए जाने
के बाद
उसने अपनी
आधी जायदाद
अंग्रेजों को
दे दी
और दस
लाख रूपए
नगद अंग्रेजों
को नजराने
के तौर
पर दिए।
अब वह
अंग्रेजों के
हाथ की
कठपुतली बन
कर रह
गया था।
6.
कंपनी
के वकील का क़त्ल करने के बाद वजीर अली अपने जानिसारों सहित आजमगढ़ की तरफ भाग गया।
आज़मगढ़ के हुक्मरां ने उन लोगों को अपनी हिफाज़त में घागरा तक पहुँचा दिया। अब ये
कारवां इन जंगलों में कई साल से अंग्रेजी फ़ौज को चकमा देते हुए छिपे हुए थे।
7.
कर्नल
वजीर अली
को पकड़ने
के लिए
हफ़्तों से
जंगल में
डेरा डाले
बैठा था।
इस दौरान
उसे वजीर
अली की
सेना के
साथ- साथ
जंगली जानवरों
और बीमारियों
का खतरा
रहता था
। इसलिए
उसे जंगल
की ज़िंदगी
खतरनाक लगती
थी।
8.
‘रॉबिन हुड’ रोमांचकारी कारनामे करने वाला ऐसा योद्धा था जो निर्बलों की सहायता करता था। वजीर अली के साहस भरे कारनामों के किस्से भी रॉबिन हुड की तरह ही लोगों की जुबान पर थे। अतः वजीर अली की तुलना ‘रॉबिन हुड’ से की गई है।
9.
सआदत
अली आसिफ़उद्दौला
का भाई
था। आसिफ़उद्दौला
के कोई
संतान न होने के
कारण वह
स्वयं को
गद्दी का
वारिस समझता
था। परंतु
वजीर अली
के जन्म
होने पर
उसे समझ
आ गया
कि अब
वह कभी
गद्दी पर
नहीं बैठ
सकता इसलिए
उसने वजीर
अली की
पैदाइश को
अपनी मौत
समझा।
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