Tu Yaad Aatee Rahi By Avinash Ranjan Gupta
तू याद रही
साँस आती रही, साँस जाती रही,
इस तरह तू मुझे
याद आती रही। .
तुझको पा न सका,
खुशियाँ ला न सका,
बात दिल की मैं तुझको बता न सका
इसलिए दिल ये गम को बढ़ाती रही।
साँस आती रही, साँस जाती रही,
इस तरह तू मुझे
याद आती रही। .
तेरी चाहत में दिल, होता है बेकरार,
तेरे आने का अब भी, मुझे इंतज़ार,
मैं तो घड़ी-घड़ी चाहूँ बस तेरा दीदार,
तेरी सूरत मेरे सपने सजाती रही।
साँस आती रही, साँस जाती रही,
इस तरह तू मुझे
याद आती रही। .
भूलना चाहूँ वो,
दिन बिताए थे जो,
यादें यादों के गीतों को गाने लगी,
तेरी यादें
मेरे दिल में समाती रहीं।
साँस आती रही, साँस जाती रही,
इस तरह तू मुझे याद आती रही।
अविनाश
रंजन गुप्ता
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