Prashn 4
लिखित
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1. नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।
2. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
3. इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों—चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ—वहाँ डेरा डाल लिया है।
4. शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।
1. उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश का आशय यह है कि प्रकृति की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। जब इसके साथ खिलवाड़ किया जाता है तब यह कुपित होकर रौद्र रूप धारण कर लेती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था जब समंदर की लहरों पर तैरती तीन समुद्री जहाज़ों को समुद्र ने बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया।
2. उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश का आशय यह है कि जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है पर जब आ जाता है तो किसी विनाश के घटित हुए बिना उसका गुस्सा शांत नहीं होता। कुछ साल पहले बंबई में इसका नमूना देखने को मिला था। और आए दिन विश्व के किसी न किसी कोने में होने वाले प्राकृतिक आपदाएँ इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।
3. उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश का आशय यह है कि लोग अपने फायदे और जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। समुद्र के किनारे बनाई गई बस्तियों के कारण पशु-पक्षियों से उनके आशियाने छीन लिए गए हैं। अब वे बेघर हो गए हैं। कुछ पशु- पक्षी बस्ती को छोड़कर पलायन कर गए हैं। और कुछ इधर-उधर ही डेरा डाल बैठे हैं।
4. उत्तर- शेख आयाज़ के पिता परम परोपकारी व्यक्ति थे। वे किसी को दुखी नहीं देख सकते थे। जब एक च्योंटा उनके माध्यम से उनके घर तक चला आया तब उन्हें अनजाने में हुई भूल का अहसास हुआ और भोजन पर से उठ कर उस च्योंटे को उसके घर पहुँचाने के चल पड़े।
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