Prashn 4

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए -
1. मुट्ठी भर आदमी और ये दमखम।
2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।

1.    उत्तर- इस गद्यांश का आशय यह है कि अपने चंद भरोसेमंद जाँबाज सिपाहियों के साथ वज़ीर अली अंग्रेजों से लोहा ले रहा था। उसे गिरफ़्तार करने के लिए जितनी भी कोशिशें की जा रही थीं सब विफल हो रही थीं।
2.    उत्तर– इस गद्यांश का आशय यह है कि अपने साहस और शोर्य का प्रदर्शन करते हुए स्वयं वजीर अली खुद निडर होकर मौत की तरफ़ बढ़ रहा है। उसका खेमे की तरफ़ आना ऐसा प्रतीत होता था, मानो एक ही आदमी पूरी फ़ौज का प्रतिनिधित्व कर रहा हो। 



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