Shbdarth 4
तुम कब जाओगे, अतिथि
शब्दार्थ
1. व्यंग्य – मज़ाक
2. उपन्यास –Novel
3. प्रतिष्ठा – इज्ज़त
4. पटकथाएँ –Screenplay
5. परिहास – मज़ाक
6. पैनी – तीक्ष्ण, Sharp
7. बेबाक – बिना डरे
8. मेज़बान – Host
9. विवश – मजबूर
10. आगमन — आना
11. निस्संकोच — संकोचरहित, बिना संकोच के
12. नम्रता — नत होने का भाव, स्वभाव में नरमी का होना
13. सतत — निरंतर, लगातार
14. आतिथ्य — आवभगत
15. एस्ट्रॉनाट्स — अंतरिक्ष यात्री
16. अंतरंग — घनिष्ठ, गहरा
17. आशंका — खतरा, भय, डर
18. मेहमाननवाज़ी — अतिथि सत्कार
19. छोर — किनारा, सीमा
20. भावभीनी — प्रेम से ओतप्रोत
21. आघात — चोट, प्रहार
22. अप्रत्याशित — आकस्मिक, अनसोचा
23. मार्मिक — मर्मस्पर्शी
24. सामीप्य — निकटता, समीपता
25. औपचारिक — दिखावटी, रस्मी
26. निर्मूल — मूलरहित, बिना जड़ का
27. कोनलों — कोनों से
28. सौहार्द — मैत्री, हृदय की सरलता
29. रूपांतरित — जिसका रूप (आकार) बदल दिया गया हो
30. ऊष्मा — गरमी, उग्रता
31. संक्रमण — एक स्थिति या अवस्था से दूसरी में प्रवेश
गुंजायमान — गूँजता हुआ
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