Prashn 4
लिखित
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1- उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख—सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।
2- हमारे पास ऐसी न जाने कितनी चीज़ें बिखरी पड़ी हैं जो अपने पात्र की तलाश में हैं।
3- यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था।
(घ) उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन असोसिएसन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस , फिलॅासॅाफ़िकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट
1- रामन् का पहला शोध पत्र ---------------------- में प्रकाशित हुआ था।
2- रामन् की खोज ---------------------- के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।
3- कलकत्ता की मामूली—सी प्रयोगशाला का नाम ---------------------- था।
4- रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान ---------------------- नाम से जानी जाती है।
5- पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए ---------------------- का सहारा लिया जाता था।
1. रामन् सरस्वती के सच्चे साधक थे। वे जिज्ञासु प्रकृति के वैज्ञानिक तथा अन्वेषक थे। सरस्वती की साधना के लिए उन्होंने सरकारी नौकरी की सुख-सुविधा छोड़ दी और कम वेतन तथा कम सुविधा वाली प्रोफ़ेसर की नौकरी स्वीकार कर ली। उन्होंने आजीवन शिक्षा पाने और देने में बिता दिया।
2. मस्तिष्क में सवालों का उठना ही व्यक्ति के विकास का प्रथम सोपान है। रामन् के मन में समुद्र के नीले रंग को लेकर सवाल उठा। ऐसे ही हम अनेक ऐसी चीज़ों से घिरे हुए हैं जिन पर अभी तक कोई भी शोध कार्य नहीं हुआ है। अगर हमारी दृष्टि किसी ऐसे ही वस्तु पर पड़े तो हम भी विश्वविख्यात बन सकते हैं।
3. हठ का अर्थ है-ज़िद। योग का अर्थ है - किसी भी कार्य को पूरे मन से करने की प्रबल इच्छा। रामन् का अपने शोध कार्य के प्रति उत्कट आतुरता ही आधुनिक हठयोग का प्रमाण है। रामन् ने विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर काम कर कर अपने सपने को सच कर दिखाया। यह वास्तव में आधुनिक हठयोग का उदाहरण है।
खाली स्थान
1- रामन् का पहला शोध पत्र फिलॅासॅाफ़िकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था।
2- रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।
3- कलकत्ता की मामूली—सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन असोसिएसन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस था।
4- रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नाम से जानी जाती है।
5- पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता था।
Comments
Post a Comment