AatmtranKavita Ka shabdarth By Avinash Ranjan Gupta
आत्मत्राण
रवींद्रनाथ
ठाकुर
अनुवाद : हजारीप्रसाद द्विवेदी
शब्दार्थ
1.
विपदा — विपत्ति /मुसीबत
2.
करुणामय — दूसरों पर दया करने वाला
3.
दुःख ताप — कष्ट की पीड़ा
4.
व्यथित — दुखी
5.
सहायक — मददगार
6.
पौरुष — पराक्रम
7.
क्षय — नाश
8.
त्राण — भय निवारण / बचाव / आश्रय
9.
अनुदिन — प्रतिदिन
10.
अनामय — रोग रहित / स्वस्थ
11.
सांत्वना — ढाँढ़स बँधाना, तसल्ली देना
12.
अनुनय — विनय
13.
नत शिर — सिर झुकाकर
14.
दुःख रात्रि — दुख से भरी रात
15.
वंचना — धोखा देना / छलना
16.
निखिल — संपूर्ण
17. संशय — संदेह
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